Tuesday 1 April 2014

मै आगे बढ़ चला ।।

गिरते संभलते राह में चलते
सब पीछे छोड़ चला
मै आगे बढ़ चला।
मै आगे बढ़ चला।।१
।।

कुछ नया पाने कि चाह में बहुत कुछ खोकर 

नए सपनो को बुनता चल पड़ा
मै आगे बढ़ चला।
मै आगे बढ़ चला।।१।


रूठते मनाते सब को रुलाते 
नयी दुनिया कि और बढ़ चला
मै आगे बढ़ चला।
मै आगे बढ़ चला।।२ ।।

कुछ यादों को संजोये कुछ दिल में छिपाये 

अपनों को पीछे छोड़ चला
मै आगे बढ़ चला।  

मै आगे बढ़ चला।।३।।

कबि मुस्कुराते कबि घबराते 
कबि दिल को सामझाते 

अपनी मंज़िल की और बढ़ चला 
मै आगे बढ़ चला।
मै आगे बढ़ चला।।४।।


2 comments:

  1. i wanted to be first to comment : Its good ,really it is keep it up

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    1. Thank you dear friend for such nice words.

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