Thursday, 23 January 2014
Friday, 17 January 2014
Sunday, 12 January 2014
ज़िंदगी !!
मानो तो एक सपना है मानो तो एक सच्च ।।
ज़िन्दगी मे इतने बदलाव है जितना कड़वा है यह सच्च ।।
यही है ज़िंदगी।।१ ।।
लगती है ऐसे जैसे पर्वत सी बड़ी हो ।।
छोटी सी है यह ज़िंदगी मानो दो पल कि हि कड़ी हो ।।
यही है ज़िंदगी।।२ ।।
मिलते है इसमें दोस्त भी और मिलते है दुश्मन ।।
खुशियां भी बहुत है और साथ मे है गम ।।
यही है ज़िंदगी।।३ ।।
कभी ये रुलाती है कभी ये हसाती है ।।
कभी ज्यादा हस दे तो हम पर हि ये मुस्कुराती है ।।
यही है ज़िंदगी।।४ ।।
प्यार भी सिखाती है जीना भी सीखाती है ये ज़िंदगी ।।
और पल में हि सिमट जाती है ये ज़िंदगी ।।
यही है ज़िंदगी।।५ ।।
जब भी ये तन्हा दिल घबराता है तभी करवट बदल लेती है ये ज़िंदगी ।।
यही है ज़िंदगी।।६ ।।
ज़िन्दगी मे इतने बदलाव है जितना कड़वा है यह सच्च ।।
यही है ज़िंदगी।।१ ।।
लगती है ऐसे जैसे पर्वत सी बड़ी हो ।।
छोटी सी है यह ज़िंदगी मानो दो पल कि हि कड़ी हो ।।
यही है ज़िंदगी।।२ ।।
मिलते है इसमें दोस्त भी और मिलते है दुश्मन ।।
खुशियां भी बहुत है और साथ मे है गम ।।
यही है ज़िंदगी।।३ ।।
कभी ये रुलाती है कभी ये हसाती है ।।
कभी ज्यादा हस दे तो हम पर हि ये मुस्कुराती है ।।
यही है ज़िंदगी।।४ ।।
प्यार भी सिखाती है जीना भी सीखाती है ये ज़िंदगी ।।
और पल में हि सिमट जाती है ये ज़िंदगी ।।
यही है ज़िंदगी।।५ ।।
जब भी ये तन्हा दिल घबराता है तभी करवट बदल लेती है ये ज़िंदगी ।।
यही है ज़िंदगी।।६ ।।
Tuesday, 7 January 2014
Life

Meeting an old friend on the subway feels great. Watching and talking to new people around you is really fun. Experiencing new things, foods, beverages, holidays, adventures is so tempting that makes one escape from all the miseries of life.
Every day is different from all previous days in-fact every moment in itself is capable of changing our lives. Every moment in itself is a new beginning. Bad things do happen; how we respond to them defines our character and the quality of our life. We can choose to sit in perpetual sadness, immobilized by the gravity of our loss, or we can choose to rise from the pain, and treasure the most precious gift we have—life itself
Wednesday, 1 January 2014
एक और साल बीत गया !!
बच्चा हु सच्चा हु दिल का अच्छा हु।।
अभी मै नादान हु एक नन्हा सा तूफ़ान हु ।।
बहुत बड़ी लगती ह यह ज़िन्दगी इसी बात से परेशान हु।।
एक और साल बीत गया और मै अपनी युवा अवस्था कि और बढ़ चला !! १ !!
लगता है ऐसे मै ही मै हु छोटी ह दुनिया सब में है कमिया।।
न कोई चिंता ह न कोई फिकर बस मै ही मै हु और यह शिखर।।
मै ही खुदा हु मै ही हु भगवान् सबसे अच्छा सबसे बुद्धिमान।।
एक और साल बीत गया और मै अपनी वृद्ध अवस्था कि और बढ़ चला !!२ !!
कल तक मै खुदा था खुद ही इस बात का गव्हा था।।
आज मै डरता हु इस बदलाव से डरता हु।।
रोज़ सुब्हा जब उठता हु दुनिया से नही खुद से ही झगड़ता हु।।
अपने ही मन को समझाता हु आगे बढ़ने से घबराता हु।।
एक और साल बीत गया और मै अपनी मृत अवस्था कि और बढ़ चला !!३ !!
आज सुबह जब आँख खोली तब यह पाया कि खुद से लड़ते लड़ते बीत गए कई साल।।
खुद को संभालते संभालते बीत गए ढेरो साल।।
कल को सवारने में बीत गए इतने साल।।
और लो एक और साल गया !!४!!
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