Sunday 12 January 2014

ज़िंदगी !!

मानो तो एक सपना है मानो तो एक सच्च ।।
ज़िन्दगी मे इतने बदलाव है जितना कड़वा है यह सच्च ।।
यही है ज़िंदगी।।१ ।।

लगती है ऐसे जैसे पर्वत सी बड़ी हो ।।
छोटी सी है यह ज़िंदगी मानो दो पल कि हि कड़ी हो ।।
यही है ज़िंदगी।।२ ।।

मिलते है इसमें दोस्त भी और मिलते है दुश्मन ।।
खुशियां भी बहुत है और साथ मे है गम ।।
यही है ज़िंदगी।।३  ।।

कभी ये रुलाती है कभी ये हसाती है ।।
कभी ज्यादा  हस दे तो हम पर हि ये मुस्कुराती है ।।
यही है ज़िंदगी।।४ ।।

प्यार भी सिखाती है जीना भी सीखाती है ये ज़िंदगी ।।
और पल में हि सिमट जाती है ये ज़िंदगी ।।
यही है ज़िंदगी।।५ ।।

जब भी ये तन्हा दिल घबराता है तभी करवट बदल लेती है ये ज़िंदगी ।।
यही है ज़िंदगी।।६ ।।

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