बच्चा हु सच्चा हु दिल का अच्छा हु।।
अभी मै नादान हु एक नन्हा सा तूफ़ान हु ।।
बहुत बड़ी लगती ह यह ज़िन्दगी इसी बात से परेशान हु।।
एक और साल बीत गया और मै अपनी युवा अवस्था कि और बढ़ चला !! १ !!
लगता है ऐसे मै ही मै हु छोटी ह दुनिया सब में है कमिया।।
न कोई चिंता ह न कोई फिकर बस मै ही मै हु और यह शिखर।।
मै ही खुदा हु मै ही हु भगवान् सबसे अच्छा सबसे बुद्धिमान।।
एक और साल बीत गया और मै अपनी वृद्ध अवस्था कि और बढ़ चला !!२ !!
कल तक मै खुदा था खुद ही इस बात का गव्हा था।।
आज मै डरता हु इस बदलाव से डरता हु।।
रोज़ सुब्हा जब उठता हु दुनिया से नही खुद से ही झगड़ता हु।।
अपने ही मन को समझाता हु आगे बढ़ने से घबराता हु।।
एक और साल बीत गया और मै अपनी मृत अवस्था कि और बढ़ चला !!३ !!
आज सुबह जब आँख खोली तब यह पाया कि खुद से लड़ते लड़ते बीत गए कई साल।।
खुद को संभालते संभालते बीत गए ढेरो साल।।
कल को सवारने में बीत गए इतने साल।।
और लो एक और साल गया !!४!!
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